विवाह शिक्षा: बहन का प्रेम भरा उपदेश और जीवन की सीख

फूल खिले बगिया में, और खिले गुलाब के फूल। प्यारी बहना तेरी शादी में, दे रही मैं शिक्षा का उपहार।

सुन मेरी प्यारी बहना, आज तेरा दिन आया है, नया घर, नया परिवार, तेरा सपनों का राज आया है।

सास का सम्मान करना, वो तेरी दूसरी माँ है, उनके आशीर्वाद से ही तेरा घर स्वर्ग बन जाएगा।

ससुर जी को पिता समझना, उनकी इज़्ज़त करना, उनके प्रेम से तेरा घर खुशियों से भर जाएगा।

पति का साथ निभाना, वो तेरा जीवन साथी है, दुख-सुख में साथ खड़े रहना, यही प्रेम की परिभाषा है।

देवर-जेठ का प्यार पाना, वे तेरे भाई समान हैं, उनके साथ हंसी-खुशी से रहना, यही रिश्तों की शान है।

ननद को सहेली बनाना, वो तेरी नन्हीं बहन है, उसके साथ मिल-जुलकर रहना, यही खुशी का फन है।

रसोई में स्वाद भरना, सबका दिल जीतना, मीठे बोल से बातें करना, सबको अपना बनाना।

त्योहारों में खुशी मनाना, परम्पराओं को निभाना, अपने घर की मर्यादा बढ़ाना, कुल की इज़्ज़त बनाना।

माँ-बाप को याद रखना, उनका प्यार भूल न जाना, पर नए घर में समर्पित होकर, नया जीवन अपनाना।

भाइयों से दूरी होगी, पर दिल में प्रेम रखना, दोनों घरों में खुशी लाना, यही तेरा धर्म रखना।

बच्चों का पालन-पोषण करना, उन्हें संस्कार देना, अच्छे-बुरे की शिक्षा देकर, आदर्श माँ बनना।

कभी गम आए जीवन में, तो हिम्मत न हारना, ईश्वर पर भरोसा रखकर, मुस्कुराते रहना।

यह शिक्षा मैंने दी है, इसे दिल में बसाना, मेरी प्यारी बहना तू खुश रहे, यही मेरी दुआ है।

फूलों की तरह खिलना तू, खुशबू सी महकना, तेरे नए घर में खुशियाँ हो, सबका प्रेम पाना।

विदाई का समय आया है, आँसू मत बहाना, नया जीवन शुरू हो रहा है, इसे खुशी से अपनाना।

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